मार्गदर्शन एवं परामर्श
‘कैरियर’ शब्द का अर्थ है जीवन में प्रगति, किसी व्यक्ति, पार्टी, सिद्धांत आदि का विकास और उन्नति। मार्गदर्शन के संदर्भ में ‘कैरियर’ का अर्थ है व्यक्ति के विकास की आजीवन प्रक्रिया, जो स्कूल में और बाहर उसकी शिक्षा से शुरू होकर जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उसकी उपलब्धियों के समापन तक होती है, जो उसके जीवन की भूमिकाओं, मूल्यों और लक्ष्यों पर आधारित होती है।
कैरियर मार्गदर्शन को केवल शैक्षिक और व्यावसायिक जानकारी प्रदान करना समझना बहुत सरल है। वास्तव में, छात्रों को दिए जाने वाले कैरियर मार्गदर्शन का उद्देश्य उन्हें उनकी प्रतिभा और क्षमता, आवश्यकताओं और आकांक्षाओं तथा उनके वर्तमान और भविष्य के जीवन लक्ष्यों को जानने में मदद करना है।
कैरियर मार्गदर्शन के लिए निर्धारित सामान्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:-
- कैरियर जागरूकता पैदा करने के लिए छात्रों को क्षेत्र में उन्मुख करना।
- छात्रों को काम की दुनिया से परिचित कराना।
- उन्हें स्थानीय व्यवसायों के बारे में अध्ययन करने में सक्षम बनाना।
- उन्हें यथार्थवादी व्यावसायिक विकल्प बनाने में सहायता करना।
- उन्हें उनके पसंदीदा व्यवसायों को आगे बढ़ाने के लिए सही दिशा में निर्देशित करना।
- छात्रों की प्रगति की निगरानी करना ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह उनके कैरियर विकल्पों के अनुरूप है या नहीं।
- यदि छात्र अपने निर्धारित पथ पर प्रगति करने में असफल होते हैं, तो सुधारात्मक उपाय आरंभ करना।
कक्षा-IX-X:-
- विज्ञान/कला/वाणिज्य संकाय का चयन करने की आवश्यकता के आलोक में शैक्षिक और व्यावसायिक नियोजन की आवश्यकता और महत्व को समझाना।
- छात्रों को शैक्षिक और व्यावसायिक योजना बनाने में सहायता करना।
- ‘अध्ययन की आदतें’, ‘समय प्रबंधन’, ‘वास्तविकता परीक्षण’ आदि जैसे विषयों से परिचित कराना।
- उन्हें कैरियर सम्मेलनों और कैरियर प्रदर्शनियों में शामिल करना।
- स्कूलों और साथ ही उनके कार्यस्थलों में विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों के साथ बातचीत करने में सक्षम बनाने के लिए ‘पेशेवरों से मिलो’ कार्यक्रमों की व्यवस्था करना।
कक्षा XI-XII:-
- उन्हें ‘रोजगार बाजार और नवीनतम रुझान’, ‘कुछ व्यवसायों के लिए मानव संसाधन की आवश्यकता’, ‘प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी’ आदि जैसे विषयों से परिचित कराना।
- उन्हें उनकी विशिष्ट कैरियर योजनाओं पर मोनोग्राफ लिखने में सहायता करना।
- रोजगार के लिए चयन के विभिन्न तरीकों की व्याख्या करना।
- कक्षा 12 उत्तीर्ण करने तथा उच्च शिक्षा पूरी करने के पश्चात उपलब्ध व्यावसायिक अवसरों के बारे में बताना।
- विज्ञान/वाणिज्य/कला संकाय के विद्यार्थियों के लिए कक्षा 12 उत्तीर्ण करने के पश्चात उपलब्ध अध्ययन पाठ्यक्रमों (शैक्षणिक/प्रशिक्षण) के बारे में बताना।
- शैक्षिक/रोजगार अवसरों पर उपलब्ध स्रोत पुस्तकों से परिचय कराना।